थानाखम्हरिया (बेमेतरा)। थानाखम्हरिया क्षेत्र में 24 अगस्त को एक कोठार के पास नवजात शिशु मिलने के मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में एक युवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन समाज के लोग इस कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।
मंगलवार सुबह से थानाखम्हरिया नगर में गहमा-गहमी का माहौल रहा। नवजात शिशु मामले में की गई पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में समाज के महिला-पुरुष बड़ी संख्या में थाना पहुंचे ।
थाना प्रभारी ने समाज के लोगों को युवती की मेडिकल रिपोर्ट भी दिखाई, लेकिन इसके बावजूद लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे। मामले में अब नया मोड़ आने की संभावना भी जताई जा रही है।
घटना के विरोध में देर शाम तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। मौके पर डीएसपी कौशल्या साहू, एसडीओपी पी. तिर्की सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
मामले की पृष्ठभूमि
24 अगस्त को थानाखम्हरिया में एक कोठार के पास नवजात शिशु मिला था। स्थानीय लोगों की मदद से शिशु को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे बेमेतरा जिला अस्पताल और फिर रायपुर भेजा गया। उपचार के दौरान नवजात की मौत हो गई।
इस घटना को लेकर क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त हो गया। विभिन्न संगठनों ने प्रसूता की गिरफ्तारी की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा था। पुलिस ने घेराव की चेतावनी से पहले ही युवती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
परिजनों का आरोप – युवती निर्दोष
युवती के परिजनों और समाज के लोगों का कहना है कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की है। उनका दावा है कि युवती गर्भवती नहीं थी और रोजाना काम करने जाती थी। प्रसव की स्थिति होने पर परिवार को इसकी जानकारी होती।
परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि गिरफ्तारी और न्यायालय में पेश करने की जानकारी उन्हें नहीं दी गई। साथ ही, डॉक्टरी जांच की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े किए।
पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि युवती को फंसाए जाने का आरोप गलत है प्रथम दृष्टया सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की गई है ।
निष्पक्ष जांच की मांग
समाज व परिजनों ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की निष्पक्ष व पारदर्शी जांच की मांग की है।