बेमेतरा । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों ने धरना स्थल पर संविदा शोषण प्रथा का पुतला दहन कर सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
लगभग 400 कर्मचारी पिछले 15 दिनों से अपनी प्रमुख मांगों — नियमितीकरण, सिविलियन, ग्रेड पे, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, अनुकंपा नियुक्ति, स्थानांतरण नीति और लंबित 27% वेतन वृद्धि — को लेकर आंदोलनरत हैं।
जिलाध्यक्ष पूरन दास एवं प्रवक्ता डॉ. बृजेश कुमार दुबे ने कहा:
> “सरकार आंदोलनरत कर्मचारियों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है। 15 दिन के लंबे आंदोलन के बाद भी कोई सकारात्मक पहल न होना, मोदी की गारंटी के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाता है।”
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे मंत्रियों के आवास का घेराव करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी विषम परिस्थिति की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के चुनावी घोषणा पत्र समिति के प्रदेश संयोजक एवं दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल पहले ही कह चुके हैं कि NHM कर्मचारियों की मांगें जायज हैं और यह मुद्दा मोदी की गारंटी एवं भाजपा के घोषणा पत्र में भी शामिल है।
कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि वे नियमितीकरण, ग्रेड पे और 10 सूत्रीय मांगपत्र पर लिखित आदेश जारी होने तक आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।
आज के विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए, जिनमें डॉ. अभिषेक यादव, डॉ. डोमन यादव, मनीष शर्मा, डॉ. सुमित मिश्रा, डॉ. नीलेश देवागन, लक्ष्मी पटेल, कुसुम पटेल, दामिनी वर्मा, सोनम मंडले, डॉ. तृप्ति दुबे, हेमलता कुर्रे सहित 400 से अधिक एनएचएम कर्मचारी मौजूद रहे।