बेमेतरा ।
सड़क और गलियों में आराम फरमाते मवेशियों की ‘शांति’ अब बेमेतरा पुलिस के लिए चिंता का विषय बन गई है। आए दिन सड़क पर बैठे या घूमते मवेशी वाहन चालकों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं — दुर्घटनाएं हो रही हैं, जान जा रही है, और फिर शुरू होती है एक अंतहीन दोषारोपण की बहस।
इन्हीं मुद्दों को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू (IPS) व एसडीओपी श्री मनोज तिर्की, एसडीओपी बेरला श्री विनय कुमार, डीएसपी श्री राजेश झा, डीएसपी श्रीमती कौशिल्या साहू, श्रीमती संतोषी ग्रेस के निर्देशन में ग्राम संबलपुर में एक बैठक का आयोजन हुआ। यह बैठक सिर्फ “समझाइश” के लिए नहीं, बल्कि गांववालों को यह स्पष्ट संदेश देने के लिए थी – “अब मवेशी सड़क पर नहीं, बाड़े में दिखने चाहिए।”
“हमर पुलिस – हमर गांव” बना आंदोलन
पुलिस की “हमर पुलिस – हमर गांव” पहल के तहत आयोजित इस बैठक में संबलपुर चौकी प्रभारी सउनि रघुवीर सिंह ने बैठक का संचालन किया।
ग्राम सरपंच श्री राज तेवलकर, उप सरपंच श्री दिलचरण, कोटवार गणेश दास और पंचों की मौजूदगी में ग्रामीणों को साफ तौर पर चेतावनी दी गई — अगर आपका मवेशी सड़क पर मिला और उससे कोई दुर्घटना हुई, तो जवाबदेही आपकी होगी।
अब सड़क पर मवेशी तो FIR पक्की!
पुलिस ने सख्त लहजे में कहा कि खुले में मवेशी छोड़ना सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि अपराध की श्रेणी में आएगा। ग्रामीणों से अपील की गई कि वे अपने मवेशियों को घर पर रखें या फिर चरवाहों की निगरानी में ही चरने भेजें।
गांव ने दिखाई जागरूकता की मिसाल
बैठक में मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस के इस प्रयास की सराहना की और पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। यह पहल सिर्फ मवेशियों को नहीं, बल्कि पूरे गांव को अनुशासन का पाठ पढ़ा रही है।