बेमेतरा (ट्रैक सीजी/हेमंत सिन्हा)।
केंद्रीय विद्यालय खोलने के विरोध में ग्राम बावामोहतारा के छात्रों, पालकों और ग्रामीणों द्वारा किए गए चक्का जाम पर अब प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अरुण खरे द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत पर पुलिस ने 22 ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
इस पूरे घटनाक्रम के ठीक बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश जारी करते हुए छात्र-छात्राओं द्वारा धरना, प्रदर्शन, तालाबंदी और चक्काजाम जैसी गतिविधियों में शामिल होने पर संबंधित स्कूल प्रमुखों और अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि इस तरह की गतिविधियों की स्थिति में संबंधित अधिकारी का वेतन तक रोका जा सकता है।
यह आदेश न केवल विवादों में घिर गया है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी इसकी गूंज सुनाई देने लगी है। पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा ने प्रशासन की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि, जब छात्र और पालक अपने बच्चों के भविष्य के लिए आवाज उठा रहे हैं, तो उनके खिलाफ एफआईआर और धमकी भरे आदेश देना दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र के खिलाफ है और शिक्षा के अधिकारों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
ग्रामीणों का भी कहना है कि यह पूरी कार्रवाई “दबाव और दमन की नीति” के तहत की जा रही है। शिक्षक , अभिभावक और सामाजिक कार्यकर्ता इस बात से नाराज़ हैं कि शिक्षा की मांग करने पर बच्चों को अपराधी की तरह देखा जा रहा है।
शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शासन स्तर पर जारी है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि स्कूलों में पढ़ाई ठप है और विद्यार्थी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।