रायपुर।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए 3200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले में शामिल 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कदम राज्य सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है।
ईओडब्ल्यू और एसीबी की संयुक्त जांच में यह खुलासा हुआ कि वर्ष 2019 से 2023 के बीच आबकारी विभाग में संगठित सिंडिकेट के जरिए भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। इसमें शामिल अधिकारियों ने लगभग 88 करोड़ रुपये की अवैध कमाई से चल-अचल संपत्तियां बनाई थीं।
सरकार ने जिन अधिकारियों को निलंबित किया है, उनमें आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविंद पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा, सहायक आयुक्त प्रमोद नेताम, विकास गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, तथा अन्य अधिकारी दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलखराम कसेर, सोनल नेताम, मोहित जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन कुमार खंडूजा शामिल हैं।
मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया है कि यह घोटाला पूर्ववर्ती सरकार के दौरान हुआ था और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार शासन देना है। भ्रष्टाचार करने वालों के लिए अब राज्य में कोई जगह नहीं है।”
अन्य घोटालों में भी तेज हुई कार्रवाई
शराब घोटाले के साथ-साथ सरकार ने डीएमएफ, महादेव सट्टा एप, तेंदूपत्ता, पीएससी-2021 परीक्षा और सीजीएमएससी जैसे अन्य घोटालों की भी जांच तेज कर दी है। पीएससी परीक्षा घोटाले की जांच CBI को सौंपी जा चुकी है और आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सुशासन और पारदर्शिता के लिए बड़े सुधार
राज्य सरकार ने सुशासन की दिशा में कई अहम पहल की हैं —
जेम पोर्टल से खरीद अनिवार्य
ई-ऑफिस प्रणाली लागू
FL-10 नीति समाप्त कर पारदर्शिता
होलोग्राम अनिवार्य कर नकली शराब पर रोक
खनिज पास और लकड़ी नीलामी की ऑनलाइन प्रक्रिया
सुशासन व अभिसरण विभाग की स्थापना
बीते दो वर्षों में ACB द्वारा 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। मुख्यमंत्री साय की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छत्तीसगढ़ में अब भ्रष्टाचार नहीं, केवल पारदर्शी और जनहितकारी शासन चलेगा।