⭕ *ट्राइबल अकादमी बनने से जनजातीय भाषाओं और संस्कृति का द्रुत गति से होगा विकास :- विधायक*

⭕ *आदिवासी साहित्य से तात्पर्य उस साहित्य से है जिसमें आदिवासियों का जीवन और समाज उसके दर्शन अनुरूप हो अभिव्यक्त :- कांति*
अंतागढ़/ट्रैक सीजी:
आज अंतागढ़ में कस्तूरबा बालिका आश्रम के पास संभाग स्तरीय नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी का भव्य भूमिपूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की प्रेरणाश्रोत अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा की राष्ट्रीय महासचिव कांति देवी नाग, क्षेत्रीय विधायक अनूप नाग की अध्यक्षता समेत जिले भर से आए समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियो के साधिन्य में संपन्न हुई ।
संभाग ( बस्तर ) स्तर पर नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी का भूमिपूजन कार्यक्रम अंतागढ़ की पावन माटी विश्व के वैभवशाली सभ्य संस्कृति ( बाना बानी ) आधारित मौलिक परंपराओं एवं विलुप्त संस्कृति को पुर्नस्थापित करने एवं आदिवासियों के पुरखो की उच्चतम संस्कृति को संरक्षण करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम भव्यता पूर्ण आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम की प्रेरणाश्रोत कांति देवी नाग ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी साहित्य से तात्पर्य उस साहित्य से है जिसमें आदिवासियों का जीवन और समाज उनके दर्शन के अनुरूप अभिव्यक्त हुआ हो। आदिवासी साहित्य को विभिन्न जगहों पर विभिन्न नामों से जाना जाता है। उन्होंने आगे कहा की छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ी के संस्कृति को बढ़ावा देने की सोच का ही यह प्रतीक है कि इस तरह की सोच को हम अमल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। नृत्य कला अकादमी की स्थापना से आदिवासी समाज की आने वाली पीढ़ी को हमारी आदिम लोक-संस्कृति को सहेजने में मदद मिलेगी । हमारे लिए यह गर्व की बात है कि बस्तर के लोक नृत्य सिर्फ देश ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और हम सभी का दायित्व का है कि हम इसे सहेजें ।
*ट्राइबल अकादमी बस्तर की संस्कृति को संरक्षित करने में होगा सफल :- कांति*
कांति नाग ने कहा कि नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी बस्तर की लोक संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य में अवश्य सफल होगा । उन्होंने कहा कि इस अकादमी के माध्यम से हमारी युवा पीढ़ी एवं लोक कलाकारों को मंच उपलब्ध कराने का एक शक्तिशाली माध्यम बनकर उभरेगा । उन्होंने समाज के लोगो से कहा कि हमें आदिवासी समाज के भाषा-संस्कृति को सिर्फ समझना ही नही अपने जीवन में भी लागू करना चाहिए, यह समय की मांग है ।
नृत्य कला साहित्य ट्राइबल अकादमी बनने से जनजातीय भाषाओं और संस्कृति का द्रुत गति से विकास होगा । उनके संरक्षण व संवर्धन का अवसर मिलेगा । यह बातें विधायक अनूप नाग ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं ।
*अपनी भाषा व लिपि को व्यवहार में लाना भी हमारा पहला दायित्व :- विधायक नाग*

विधायक नाग ने आगे कहा की हमे हमारी संस्कृति और मातृभाषा को नहीं भूलना चाहिए. इसे आगे बढ़ाने का दायित्व समाज के हर व्यक्ति पर है. अपनी भाषा व लिपि को व्यवहार में लाना भी हमारा पहला दायित्व होना चाहिए. अगर सभी लोग जागरूक होंगे तो आने वाले समय में सभी स्कूल व कॉलेज में निश्चित रूप से पठन-पाठन शुरू हो जायेगा. बेटा हो या बेटी दोनों को शिक्षित करें. विधायक ने कहा कि हमें बेटा-बेटी पर फर्क नहीं करना चाहिए ।
उन्होंने समाज के लोगो से यह वादा किया कि यहां की लोक संस्कृति को सहेजने और अकादमी को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए शासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जाएगा ।
कार्यक्रम के सभी अतिथियों ने कार्यक्रम के आयोजक “जलमलको” “रुजूम” गोटूल रच्चा लया ल्योर “अंतागढ़” के समस्त पदाधिकारियों और सदस्यों का आभार व्यक्त किया एवं भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी ।
*नाटक और नृत्य कला से मोहक होगी अकादमी*
अकादमी में बस्तर सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न नृत्य विधाओं का ज्ञान दिया जायेगा । जिसमें विभिन्न जनजातीय क्षेत्रों में किए जाने वाले जनजातीय नृत्य शैला, सरहुल, करमा, सोन्दो, कुडुक, डुंडा, दशहरा करमा, विवाह नृत्य, मड़ई नृत्य, गवरसिंह, गेड़ी, करसाड़, मांदरी, डण्डार आदि नृत्य शमिल है। इसके अलावा शहीद वीर नारायण सिंह, गुंडाधुर और जनजातीय जीवन पर आधारित नाटक भी सिखाए जाएंगे।
*ये रहे मौजूद*
शोरसिंह आंचला, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव, जनपद पंचायत अध्यक्ष देवली नुरूटी, मुकेश ठक्कर, अखिलेश चंदेल, दुर्गेश ठाकुर, कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला, पटेल, सीईओ सुमित अग्रवाल, सतीश, रामसिंह, भारती, राजू उसेंडी, दिनेश, राधा, एडीएम चंद्रकांत वर्मा, डीएफओ जाधव, एसडीएम पैकरा, सीईओ वर्मा समेत आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे ।