तीन वर्ष से नहीं मिली मजदूरी ग्रामीण भाजपा नेत्री के साथ पहुंचे शिकायत करने कलेक्टर के पास

मजदूरी की आस लिए कई मजदूरों की चली गई जान
सुकमा- जिला मुख्यालय से मात्र 10 किमी दूर रहने वाले ग्रापं रामपुरम के आश्रित ग्राम नीम्बूपदर के सैकड़ो मजदूर अपनी मजदूरी पाने हेतु पिछले तीन वर्षों से परेशान हैं जिम्मेदारों से लगातार मांग करने पर भी निराशा हाथ लगने पर उन्होंने भाजपा नेत्री अधिवक्ता दीपिका शोरी से लिखित में शिकायत कर मदद हेतु लगाई है गुहार।
दरअसल ग्रापं रामपुरम के आश्रित ग्राम नींबूपदर के ग्रामीणों ने तीन वर्ष पहले अपने ही ग्राम में मनरेगा योजना के अंतर्गत स्वीकृत तालाब निर्माण एवं भूमिसमतली करण में मजदूरी का कार्य किया था,परन्तु कार्य करने के बाद इसकी मजदूरी आज तक अप्राप्त है,मजदूरों ने बताया कि मजदूरी के सम्बंध में लगातार पंचायत के सचिव एवं सरपंच से आग्रह की परन्तु उनके द्वारा आज तक इस दिशा में कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा हैं
इंतजार करते कई मजदूरों की मृत्यु हो गई नहीं मिली मजदूरी
ग्रामवासियों ने बताया कि इन कार्यों में लगभग 150 मजदूरों ने कार्य किया था जिनमे एक को भी मजदूरी नहीं मिली है और मजदूरी का इंतजार करते करते पोज्ज़ा माड़वी,मंगली कवासी,पोज्जे कवासी,देवा दीरधो, कवासी हिड़मा,बारसे एर्रा व दिलीप यादव की मृत्यु हो गई हम सभी लोग चाहते हैं कि मजदूरी की राशि इन मृतकों के परिजनों को ब्याज सहित मिलनी चाहिए
दीपिका ने की कलेक्टर से शिकायत
बता दें कि भाजपा नेत्री दीपिका के संज्ञान में आने बाद उन्होंने तीन माह पूर्व मु.का.अधि.जनपद सुकमा से लिखित व मौखिक रूप से की थी
परन्तु जनपद सुकमा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा सन्तोष जनक उत्तर नहीं देने पर नींबूपदर के मजदूर कोशा कवासी,मुकेश पोडियामी,हड़मा करतटामी, हॉन्दा कवासी,देवा सोढ़ी,नंदा माड़वी,मुड़ा कवासी,हिड़मा मड़कामी,देवा माड़वी के साथ कलेक्टर सुकमा से शिकायत करने पहुंची कलेक्टर के नहीं मिलने पर डिप्टी कलेक्टर बंजारे से शिकायत कर जल्द निराकरण हेतु आवेदन दिया
पूजा स्थल व मुक्तिधाम जाने हेतु भी परेशान हैं नीम्बूपदर के रहवासी
जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से जनता किस प्रकार से परेशान है इसका उदाहरण नीम्बूपदर में देखने को मिल रहा है ग्राम के मुखिया एवं पटेल मुकेश पोडियामी, हड़मा करटामी,हांदा कवासी,नंदा माड़वी एवं देवा सोढ़ी ने बताया कि हमारे गांव में मुक्ति धाम एवं गुड़ी जो एक ही मार्ग पर हैं बरसात के दिनों में वहाँ तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल हो जाता है हम लोग विगत कई वर्षों से इस मार्ग के निर्माण हेतु मांग कर रहे हैं परंतु सरपंच एवं सचिव के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है आज हम लोग अधिवक्ता दीपिका दीदी के साथ डिप्टी कलेक्टर से मिले तो व अपनी इस समस्या से उन्हें अवगत करवायस तो उन्होंने ने भी पंचायत से प्रस्ताव भेजने की बात कही पर न जाने क्यों सरपँच व सचिव इस दिशा में रुचि नहीं ले रहे हैं।
मोबाइल नेटवर्क की भी है समस्या
जिला मुख्यालय से इतनी कम दूरी में बसे होने के बावजूद भी यहाँ के रहवासियों को मोबाइल नेटवर्क की सुविधा अभी तक नहीं मिल पाई हैं यहाँ के युवाओं ने बताया कि कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन पढाई के समय हमें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था व वर्तमान में मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण स्वास्थ्य सम्बन्धी एमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा का लाभ नहीं ले पाते हैं इसलिए हमारे गाँव में नेटवर्क की सुविधा की अत्यंत आवश्यकता है।
इस विषय पर मजदूरों के साथ शिकायत करने पहुंची भाजपा नेत्री दीपिका शोरी ने कहा कि शासन प्रशासन विकास के चाहे लाख दावे कर ले परन्तु जिस जिले में आज भी जहाँ लोग पूजा स्थल एवं मुक्तिधाम तक पहुंचने हेतु संघर्ष कर रहे हों तीन तीन वर्षों तक मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल पाती मजदूरी की आस लिए कई मजदूरों की मृत्यु तक हो जाती हैं वहाँ कुछ भी कहने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती सब कुछ सपष्ट दिखाई दे रहा है कि शासन प्रशासन गरीबों,आदिवासी एवं मजदूरों के प्रति कितनी संवेदनशील है
यह कोई पहला मामला नहीं है जहां मजदूर अपनी मजदूरी हेतु भटक रहे हों चाहे
वो डोलेरास,बाड़नपाल,पोंदुम या अंदरूनी पंचायतों में मजदूरों को काम करने के बाद मज़दूरी सहजता से उपलब्ध नहीं होती है
——————मजदुरों की शिकायत मिली हैं,इस कार्य मे कुछ राशि नगद भुगतान के रूप में दी गई थी मैं स्वयं उस गाँव मे जाकर जांच करूँगा व मजदूरों को उनकी बकाया मजदूरी दिलाऊंगा।
–एन.के. मांझी,मुख्यकार्यपालन अधिकारी जन.पंचा.-सुकमा