RNI - NO : CHHHIN/2015/65786

June 6, 2023 2:43 PM

RNI - NO : CHHHIN/2015/65786

June 6, 2023 2:43 PM

आईडी कार्ड बनाने के नाम से प्रत्येक विद्यार्थी से लिए 100₹ नक़द

•चार महीने बीतने के पश्चात भी नही मिल पाया है बच्चों को परिचय पत्र

•मामला स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट ईंगलिश मीडियम स्कूल अंतागढ़ का

You might also like

अंतागढ़/ट्रैक सीजी:

ग्रामीण क्षेत्रों सहित शहरी क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निजी संस्थानों द्वारा संचालित इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के समतुल्य लाने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सभी ब्लाक मुख्यालयों में स्वामी आत्मानंद उत्तकृष्ठ इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित किया जा रहा है।

किंतु अंतागढ़ में संचालित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में शिक्षा के स्तर में शुरुवाती सत्र के मुकाबले इन वर्षों में काफी कमी देखने को मिल रही है।

वही स्कूल के उचित प्रबंधन में कमी की वजह से कई पालक अपने बच्चों की टीसी कटवाकर वापस निजी स्कूल में डालने लगे हैं।

बता दें स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूली बच्चों से परिचय पत्र बनवाने के नाम पर प्रति छात्र 100 रुपए की दर से जमा करवाया गया था, किंतु चार महीने बीत जाने के बाद भी छात्र छात्राओं को परिचय पत्र नही दिया गया है, जबकि शिक्षा सत्र समाप्त होने की कगार पर है।

बता दें स्वामी आत्मानंद के शुरुवाती सत्र में स्कूल में उचित प्रबंधन होने की वजह से कई पालक अपने बच्चों को निजी स्कूल से स्वामी आत्मानंद उत्तकृष्ठ इंग्लिश मीडियम स्कूल में दाखिला दिलवाया था किंतु अब स्थिति उलट होने लगी है, शाला के प्रबंधन में कमी और पढ़ाई की गुणवत्ता में कमी की वजह से पालक निजी स्कूलों के और रुख करने को मजबूर होने लगे हैं।

जब स्कूल के प्रिंसीपल गौतम सिंहा से बच्चों से परिचय पत्र के लिए प्रति छात्र 100 रुपए लिए जाने और चार महीने बाद भी परिचय पत्र नही दिए जाने की बात पूछी गई तो इस विषय में गौतम सिंहा का कहना था की परिचय पत्र के लिए पचास रुपए लिए गए हैं और पचास रुपए फोटोकॉपी के लिए, किंतु फोटोकॉपी नही हुई है ।

अब सरकारी स्कूल में फोटो कॉपी का शुल्क किस बाबत लिया जा रहा है और परिचय पत्र हेतु पैसे लेकर चार माह बाद भी बच्चों को परिचय पत्र नही दिया जाना कहीं न कहीं शाला प्रबंधन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाती है।

स्वामी आत्मानंद उत्तकृष्ठ इंग्लिश मीडियम स्कूल जैसी महती योजना जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी बेहतर शिक्षा ले सकते हैं, किंतु शिक्षा के लिए बनाई गई ऐसी योजना कुप्रबंधन का शिकार ना बन जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *