⭕ *राज्यपाल पर कांति नाग ने लगाया आदिवासी समाज के विरोध में काम करने का आरोप*

⭕ *कांति नाग बोली भाजपा नेताओं की जुबानी बोल रही है राज्यपाल*
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ट्रैक सीजी न्यूज़/अंतागढ़:
अपने आरक्षण संशोधन विधेयक पर पूरी कांग्रेस पार्टी अब आक्रामक रुख अपनाते हुए नजर आ रही है. मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों के बाद अब कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं राज्य योजना आयोग की सदस्य कांति नाग ने राज्यपाल अनुसुइया उइके की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा, राज्यपाल की संतुष्टि के लिए सरकार द्वारा सवालों के जवाब भेजे गए, लेकिन उसके बाद भी राज्यपाल विधेयक को टालने के लिए लगातार बहाना ढूंढ रही है ।
श्रीमती नाग ने कहा, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है. राज्यपाल का विधि सलाहकार विधानसभा से बड़ा है क्या? उन्होंने कहा, परीक्षण का काम सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का है ।
*भाजपा राज्यपाल को गुमराह करके हस्ताक्षर करने से मना करा रही*
कांति नाग ने कहा आदिवासी समाज के साथ अन्याय को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । हमारी सरकार किसी भी कीमत पर आरक्षण का अधिकार देकर रहेगी । साथ ही साथ उन्होंने राज्यपाल को भाजपा के दबाव में आकर आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने का आरोप लगाया है । उन्होंने कहा कि विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था, और उधर भाजपा राज्यपाल को गुमराह करके हस्ताक्षर करने से मना करा रही है, इसे छत्तीसगढ़ की जनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी । आदिवासी समाज ने सात समंदर पार अंग्रेजों को खदेड़ भगाया था, तो देसी अंग्रेजों को भी भगाने में टाइम नहीं लगेगा । साथ ही उन्होंने कहा की राज्यपाल स्वयं आदिवासी समाज से होकर भी आदिवासियो के हितों के विरोध में काम कर रही है ।
*राज्यपाल के सवाल भाजपा के बयानों की तरह :- कांति*
वहीं कांति नाग ने यह भी कहा, जैसा बयान भाजपा के नेता दे रहे हैं, वैसे ही प्रश्नों को राजभवन से सरकार को भेजा गया है, जो बिल्कुल भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा, राज्यपाल को सारा अधिकार है वह हमारी संवैधानिक प्रमुख हैं । सदन में हमारे विधायकों ने सर्वानुमति से विधेयक पारित किया है। जैसा बयान डॉ. रमन या भाजपा नेता दे रहे हैं, उसी प्रकार के प्रश्नों को राजभवन सरकार को प्रेषित करता है, यह उचित नहीं। अगर विधेयक लौटाना है तो बिंदुओं के साथ लौटाना चाहिए। विधेयक पर पुनर्विचार कराना है तो विधानसभा को लौटाया जाना चाहिए ।