जहां ज्यादा आवागमन नही वहां चेकिंग ड्यूटी समझ से परे/ विश्वस्त सूत्रों ने दी जानकारी वसूली हेतु एसएचओ लगाते थे जवानों की ड्यूटी?
राजनांदगांव (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख) जिले के बोरतलाव थाना अंतर्गत कल सुबह नक्सलियों ने मोटर साइकल सवार दो जवानों पर फायरिंग किया। दोनों शहीद हो गए। आज स्थानीय पुलिस लाईन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने कहा घटना की सभी बिंदुओं पर जांच होगी। स्थानीय पुलिस लाईन में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने अंचल के पुलिस महानिरीक्षक आनंद छाबड़ा,पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बटालियन के अधिकारी, पुलिस अधिकारी बड़ी संख्या में पुलिस व बटालियन के जवान समाजसेवी संस्थाओं के जुड़े लोग राजनीतिज्ञ निर्वाचित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
पुलिस अधीक्षक मीणा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आज की नक्सली घटना की सभी बिंदुओं पर जांच होगी तथा किन परिस्थितियों में घटना हुई पुलिस एवं बटालियन के जवान सुबह मोटर साइकल से निकले थे। उन्होंने कहा कि घात लगाकर बैठे 15-16 नक्सली सामने थे। पीछे भी रहेंगे। उन्होंने कहा जल्द ही काउंटर लांच करेंगे।

निहत्थे थे जवान/ज्यादा आवाजाही भी नही फिर वहां चेकिंग ड्यूटी,अनेक संदेहों की ओर इशारा करती है?
नक्सलियों द्वारा हमले के वक्त जवान निहत्थे थे उनके पास कोई भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। आस पास ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चेकिंग के दौरान वसूली की भी शिकायतें मिली है? पूर्व से ही नक्सली क्षेत्र होने के बाद भी जवान बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के क्यों गए यह विषय भी अनेक संदेह की ओर इशारा करता है आखिर उन्हे किसने और क्यों भेजा यह भी जांच का विषय है? आस पास ग्रामीणों ने चर्चा के दौरान ट्रेक सीजी न्यूज को बताया की एसएचओ वहां लगभग महीना भर से दो लोगों की ड्यूटी लगा रहे थे ।जब उक्त क्षेत्र मे विगत पांच सात सालों से कोई नक्सली घटना नही हुई तो अचानक ऐसा क्या हुवा की नक्सलियों ने इतना बड़ा कदम उठाया? आखिर एसएचओ किस तरह की वसूली के लिए वहां जवानों की ड्यूटी लगाते थे? घटना स्थल पर वाहनों की भी ज्यादा आवाजाही नही होती ऐसी सुनसान जगह पर बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के जवानों की ड्यूटी के पीछे इस बात की भी चर्चा है की उक्त क्षेत्र में अवैध कार्यों को अंजाम दिया जाता था और पुलिस प्रशासन के जवानों की ड्यूटी लगाकर वसूली की जाती थी?यह घटना रोकी जा सकती थी यदि एसएचओ सुनसान जगह पर बिना किसी विषय कि जवानों की ड्यूटी नही लगाते?घटना ने दो परिवारों को उजाड़ दिया,प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो ड्यूटी लगाने वाले एसएचओ इस मामले मे दोषी हो सकते है जो जांच का विषय है जिन्होंने ड्यूटी लगाई?
