ट्रैक सीजी न्यूज़/रायपुर:
दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बदलाव की चर्चा है। लेकिन इस संभावित बदलाव के पक्ष में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव नहीं हैं। उन्हें नहीं लगता कि, प्रदेश संगठन में किसी भी तरह के बदलाव की जरूरत है।


सरगुजा में सिंहदेव ने कहा, इस बार के चुनाव में सीनियर नेता प्रदेश में न सिर्फ दोबारा सरकार बनने की बात कर रहे हैं ,बल्कि 75 पार का दावा यानी 90 में से 75 सीटें जीतने की बात कर रहे हैं। उन्होंने इसे अच्छी स्थिति बताया है।
सिंहदेव ने कहा– संगठन में फेरबदल को लेकर मुझे जानकारी नहीं है। पार्टी के सीनियर मंत्री कह रहे हैं कि इस बार 75 के पार। अगर ऐसा अनुमान है तो संगठन में बदलाव का औचित्य समझ के परे है। टीम अच्छा काम कर रही है तो बदलना क्यों ? हार जीत की निकटतम स्थिति में बदलाव सही होता है, मगर यहां तो स्थिति अच्छी है, मंत्रिमंडल के बदलाव पर सिंहदेव ने कहा कि मुझे की जानकारी नहीं है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बदलाव की चर्चा
प्रदेश कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व से लेकर कई पदों पर फेरबदल की चर्चा जोरों पर है। दिल्ली में शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मल्लिकार्जुन खड़गे की मुलाकात के बाद रायपुर लौटते ही भूपेश बघेल ने कहा था कि,संगठन में फेरबदल होने जा रहा है। इस पर विस्तार से चर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई है। राष्ट्रीय अधिवेशन में तय नियमों के मुताबिक संगठन में बदलाव होंगे। चर्चा ये भी है कि, अमरजीत भगत को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

टिकट बंटवारा होगा अहम मसला
कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर लॉबिंग भी शुरू हो चुकी है। प्रदेश संगठन में होने वाले बदलाव का सीधा असर टिकटों के बंटवारे पर पड़ेगा। टिकट बंटवारे में जाहिर तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राय अहम होगी। लिहाजा संगठन में ऐसे लोगों को प्रमुख पद दिए जा सकते हैं जो इस मुद्दे पर एक राय होकर काम कर सकें।
नए नियमों के तहत होंगे बदलाव
कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हाल ही में रायपुर में हुआ था। इसमें तय किया गया कि कांग्रेस अपने संगठन में 50 फीसदी हिस्सेदारी महिलाओं दलितों आदिवासी और युवाओं को देगी। अब प्रदेश संगठन में virtual credit cardsआगामी होने वाले बदलावों में इन नियमों का ध्यान रखा जाएगा। चर्चा ये भी है कि जिला और प्रदेश स्तर में कुछ नए और पुराने पदाधिकारियों को फिर मौका दिया जाएगा। और यही टीम चुनावी मैदान में उतरेगी।